महंगाई ने आम आदमी का खाना तो खराब कर ही रखा है, अब पीना भी मुश्किल हो गया है. चाय की चुस्की से नींद की खुमारी टूटती है, लेकिन अब वही चाय आपके मुंह का स्वाद कसैला कर रही है. खाने पीने और सब्जियों से निकलकर महंगाई दबे पांव चीनी की मिठास में चली आई है. महंगाई के गम पहले से ही कम ना थे, अब मानसून के सितम झेलने को मजबूर है आम आदमी.