संसद की सुरक्षा में बेहिसाब खर्च हुआ. ताल ठोकी गई कि परींदा भी पर नहीं मार सकता. अब तक सब ठीक चलता रहा. लेकिन एक घटना ने सुरक्षा में लगे इन उपकरणों की पोल खोल दी है.