फर्ज कीजिए कि एक कैदी तिहाड़ जेल में सजा काट रहा है और उसी जेल के वार्डन का बेटा उस कैदी के होटल में नौकरी कर रहा है. क्या ये महज इत्तेफाक हो सकता है? वो भी तब जब कैदी जेसिका लाल का हत्यारा मनु शर्मा हो. आजतक ने जब इस इत्तेफाक पर से पर्दा उठाया तो सवाल उठने शुरू हो गए.