दिल्ली रामलीला मैदान में 9 अगस्त को जब बाबा रामदेव तीन दिन के सांकेतिक अनशन पर बैठे थे तो उन्होंने एलान किया था कि उनका कोई सियासी एजेंडा नहीं है. लेकिन पांच दिन बाद रामलीला मैदान में रामदेव के मंच की जो तस्वीर नजर आई वो उनके एलान के ठीक उलट थी. रामदेव के मंच पर एनडीए के तमाम नेता मौजूद थे. ये बाबा रामदेव की महाक्रांति है या महाराजनीति?