महज चौबीस घंटे बीते हैं, जब क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर को राज्यसभा में मनोनीत करने की खबर आई थी सबने जमकर इसका स्वागत किया था. लेकिन दिन बीतते ही सियासत के तेवर बदल गए. सचिन को राज्यसभा में मनोनीत किए जाने पर नुक्ताचीनी शुरू हो गई है. शिव सेना जहां इसे कांग्रेस की सियासी चाल बता रही है वहीं लेफ्ट ने पूछा कि सौरव गांगुली क्यों नहीं.