शहरो में 32 और गावों में 26 रूपये प्रतिदिन की गरीबी रेखा के मुद्दे पर चौतरफा घिरे योजना आयोग के उपाध्यक्ष मौंनटेक सिंह आहलूवालिया ने आज गोलमोल तरीके से अपने हलफनामे का बचाव तो किया लेकिन गरीबी रेखा के मुद्दे पर यू टर्न ले लिया है. अहलूवालिया ने कहा है कि 26 और 32 रुपए के आंकड़े के आधार पर फूड सब्सिडी नहीं दी जाएगी, बल्कि सरकार एक प्रायोरिटी सेक्टर बनाने की कोशिश कर रही है जिसे सबसिडी से सबसे ज़्यादा फायदा होगा.