खुदरा में विदेशी निवेश को लेकर यूपीए सरकार का फैसला और दस साल पहले की एनडीए सरकार की सोच तकरीबन एक जैसी है. इस बात का खुलासा हुआ है दस साल पहले एनडीए शासन के दौरान खुदरा व्यापार पर तैयार किए गए एक नोट से. नोट को देखने के बाद एक बड़ा सवाल ये पैदा होता है कि यूपीए सरकार के फैसले पर हंगामा खड़ा करने वाला एनडीए का प्रदर्शन एक दिखावा तो नही?