दिल्ली का कोई कोना नही है जहां से बच्चे ग़ायब ना हो रहें हो. मानवाधिकार आयोग ने भी इन आंकड़ो पर अपनी चिंता जताई है. एनएचआरसी भले ही चिंता करे लेकिन दिल्ली सरकार के पास तो अपनी दलीले हैं. मंत्री जी को तो चाइल्ड हेल्पलाइन का नंबर भी ठीक से याद नही तो तो बच्चों के कल्याण की उम्मीद ही बेमानी है.