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नेताओं की फिसलती जुबान और उटपटांग बोल | कह गए बंदर

नेताओं की फिसलती जुबान और उटपटांग बोल | कह गए बंदर

राजनीति के अखाड़े में विरोधियों की कमजोर नसों को दबाना एक पुराना खेल है लेकिन आजकल देश के नेताओं को न जाने क्‍या हो गया है, सियासत चमकाने के चक्‍कर में नेताओं की जुबान से ऐसे बोल झड़ रहे हैं जो विवादों की एक सियासत को शुरू कर देते हैं.

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