विपक्ष के नेता अरूण जेटली ने कहा कि सरकार ने रविवार शाम ही संशोधित विधेयक सदस्यों को वितरित किया है और सोमवार को इसे सदन में लाया गया. उन्होंने कहा कि 1960 के दशक से लोकपाल के गठन को टाला जा रहा है. उन्होंने कहा कि आज संसदीय लोकतंत्र की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुयी है. जेटली ने 29 दिसंबर 2011 को याद करते हुए कहा कि उस दिन सदन लोकपाल विधेयक पर निर्णय के बेहद करीब पहुंच गया था.