भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन को थमे अभी दो दिन भी नहीं हुए थे कि सरकार के सुर ही बदल गए. ऐसा लगता है कि सरकार लोकपाल बिल को अब बेकार साबित करने में लगी है. नहीं तो कपिल सिब्बल भला क्यों कहते कि इस बिल से ना शिक्षा मिल पाएगी ना इलाज.