एफडीआई के मसले पर सरकार इस कदर उलझ गई है कि रास्ता नहीं सूझ रहा है. विरोध का मोर्चा तगड़ा है और सरकार के साथ बोलने वाले काफ़ी कम. बात यहां तक बढ़ गई है कि सरकार के साथी तो विरोध कर ही रहे थे अब कांग्रेस के अंदर भी विरोध के स्वर देखने को मिल रहे हैं.