चुनाव आयोग ने राइट टू रिकॉल के मुद्दे पर कहा कि यह प्रस्ताव पिछले 10 साल से सरकार के पास हैं लेकिन इस बारे में अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है. चुनाव आयोग ने कहा कि यह लागू करना भी मुश्किल है.