कहा जाता है कि वामन अवतार लेने के बाद जब नारायण स्वर्गलोक पहुंचे तो वहां उनका भव्य स्वागत किया गया. देवताओं ने हरि का वैसा ही अभिनंदन किया जैसा कि अयोध्या लौटने पर श्रीराम का हुआ था. जिस दिन भगवान विष्णु स्वर्गलोक पहुंचे वो कार्तिक पूर्णिमा का ही दिन था. वो दिन आज भी देवदीपावली के रूप में मनाया जाता है.