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ग़म की ऐसी कशमकश जो करती है बेचैन । 26/11 पर विशेष

ग़म की ऐसी कशमकश जो करती है बेचैन । 26/11 पर विशेष

लीजिये फिर आ गयी आज की वो तारीख़ जिसे पिछली तारीख़ों की तरह गुज़र जाना चाहिये था. ये तारीख़ ग़म और ग़ुस्से की ऐसी कशमकश का नाम है जो बेचैन करती है. ये दिन मुंबई के रुख़सार पर थमे हुए आंसू की तरह है. ये दिन हर साल इस शहर को पुरसा देने आयेगा.

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