टू जी स्पेक्ट्रम घोटाले पर विपक्ष अगिया-बैताल है. विपक्ष ने संसद चलने ही नहीं दी तो सरकार बेबस दिखी. वहीं, दूसरी तरफ स्पेक्ट्रम पानेवाली टेलीकॉम कंपनियों पर सरकारी एजेंसियों ने नजरें टेढ़ी की हैं. प्रवर्तन निदेशालय ने उन कंपनियों को पूछताछ के लिए समन भेजा है जिन्हें औने-पौने भाव में स्पेक्ट्रम दे दिए गए थे.