कार्टूनिस्ट से कद्दावर नेता तक की राह तय करने वाले बालासाहेब सबकी जिंदगी में एक बड़ा खालीपन छोड़ गए. इसी वजह से बड़े-बड़े दिग्गजों के साथ-साथ तकरीबन 20 लाख लोग बाला साहेब की अंतिम यात्रा में शामिल हुए.