केंद्र सरकार ने ये साफ कर दिया है कि लोकपाल बिल को सिविल सोसायटी की मर्जी के मुताबिक नहीं बनाया जाएगा. सरकार के मुताबिक अगर अन्ना की टीम के ड्राफ्ट पर अमल किया गया तो संविधान में बड़े पैमाने पर बदलाव करने होंगे.