डीयू ने 1968 में कनाडा से जो गामा रेडिएटर बनाया था उसे कबाड़ में बेच कर सबसे बड़ी गलती की. रेडियोएक्टिव पदार्थों के मामले में डीयू की इस गलती पर निष्पक्ष जांच की मांग उठ रही है.