मैं अरावली हूं.. मेरे आंचल में खुशहाली की इबारत बसी है. यहां मोर का शोर सुनाई देता है, तो मेरे दामन में बहती खामोश झील आंखों को जितना सुकून देती है, उतनी ही दिल को तसल्ली भी देती है. लेकिन मेरी ही सांसों को मेरे सीने में कैद करने की साजिश हो रही है. इससे पहले कि मेरी सांसें उखड़ने लगे. मैं अरावली.. सबको सबकुछ बताना चाहती हूं.
A conspiracy to imprisoned Aravali breath