27 अगस्त को मुजफ्फरनगर के कवल गांव में दंगों ने दो समुदायों के बीच नफरत की चिंगारी को भड़काया. उसके बाद नेताओं ने उसे जी भरकर हवा दी. किसी नेता ने किसी दंगाई को छोड़ने के लिए दबाव बनाया तो किसी ने किसी दूसरे पर वार करने के लिए कहा.