जो सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ़ लोकपाल कानून बनाने में कोई तेजी नहीं दिखाती, वही सरकार दागी नेताओं को बचाने के लिए अध्यादेश लाने में जरा भी नहीं हिचकिचाती. कितना अजीब है कि जनता की भावना का हवाला देकर अध्यादेश की वापसी की चर्चा चल रही है, लेकिन सच तो ये है कि जनता सब समझती है. आजतक ने दागी अध्यादेश पर जनता का मिजाज पहले ही देश के सामने रख दिया था.