आठ साल की बच्ची को तीस फीट ऊंचे ब्रिज से नीचे फेंका, जहां से हर थोड़ी देर बाद गुजरती थी ट्रेन. दुश्मनों का इरादा था कि अगर नीचे गिरने से बच्ची बच भी गई तो ट्रेन से कुचलकर जरूर मर जाएगी. रात भर ठंड में ठिठुरती रही बच्ची और ऊपर से गुजरती रही मौत. पैर में चोट की वजह हिलना डुलना मुश्किल था. लेकिन बार-बार पास आकर भी पलट गई मौत.