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अद्भुत, अकल्पनीय, अविश्वसनीय, यहां अपने आप जल रही है लौ

अद्भुत, अकल्पनीय, अविश्वसनीय, यहां अपने आप जल रही है लौ

ना घी, ना तेल ना बाती फिर भी सदियों से जल रही है यहां आग. ना आग, ना ताप और ना धुआं फिर भी उबल रहा है पानी. मां की कोई प्रतिमा नहीं ना कोई आकार फिर भी है आस्था का केन्द्र. जानिए ऐसी जगह के बारे में.

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