सरकार के आदेश पर एम्स ने रिव्यू शुरू किया. पिछले 21 सालों से फीस में बदलाव नहीं हुआ है. बजट में एम्स ने 300 करोड़ रुपये की मांग की थी. जिसके बाद वित्त मंत्रालय ने फीस बढ़ाने की सलाह दी. मंत्रालय ने तर्क दिया है कि 20 सालों में लोगों की आमदनी बढ़ी है. इसलिए शुल्क बढ़ाने से लोगों पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा.