2007 में अजमेर के सूफी संत हजरत ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह में हुए बम धमाके का फैसला आ गया है. जयपुर की एनआईए कोर्ट ने यह फैसला सुनाया है. कोर्ट ने 9 आरोपियों में से असीमानंद सहित सहित 6 आरोपियों को बरी कर दिया है. सुनील जोशी, भावेश और देवेंद्र गुप्ता को कोर्ट ने दोषी ठहराया है. दोषी ठहराए गए आरोपियों में से सुनील जोशी की पहले ही मौत हो चुकी है.