अन्ना आंदोलन के पुराने साथी किरण बेदी और अरविंद केजरीवाल आज आमने-सामने हैं. कभी राजनेताओं को भला-बुरा सुनाने वाली किरण बेदी अगर आज अमित शाह के शान में कसीदे पढ़ रही हैं तो इसके पीछे मोदी के राजनीतिक महारथी अमित शाह का अहम योगदान है.