धार्मिक नगरी अमृतसर में चीख-पुकार मची है. कुछ अपनों के लिए बिलख रहे हैं तो कुछ अपनों का इंतजार कर रहे हैं. दशहरे के जश्न में एक हादसे ने ऐसा दर्द दिया जिसकी दवा शायद ही मिले. अमृतसर में ट्रेन ने लोगों को ही नहीं कुचला बल्कि कई बच्चों के भविष्य, कई माओं की ममता और कई पत्नियों के सुहाग को भी कुचल दिया है.
60 people were killed and at least 72 injured after a train ran into a crowd in Amritsar.