पंप से हजारों लीटर यूं ही बर्बाद होता देख अन्ना हजारे भी चुप नहीं रह पाए. उन्होंने आसाराम बापू को इसकी गंभीरता समझे की नसीहत दी और कहा पानी राष्ट्रीय संपत्ति है और इसका सोच-समझकर इस्तेमाल होना चाहिए.