क्या संत आसाराम बापू संतई भूल गए हैं. उज्जैन में एक शिविर के दौरान उन्होंने जिस अंदाज में प्रवचन दिया, उससे यही सवाल उठ खड़ा हुआ है. पहले तो उन्होंने गिरफ्तारी के लिए पुलिस को ललकार लगाई और फिर एक किन्नर नेता का मजाक उड़ाने लगे.