जब दिल्ली के दंगल का चुनाव प्रचार चल रहा था तब अरविंद केजरीवाल ने पांच साल में दिल्ली के कायाकल्प का वादा किया था. बल्कि वादों की झड़ी लगा दी थी. लेकिन सत्ता संभालने के महज दो महीने बाद वो यकहने को मजबूर हो गए कि पांच साल में शायद 40 से 50 फीसदी वादे ही पूरे कर सकेंगे. यहीं से उनकी मंशा पर सवाल उठने लगे हैं.
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