महाराष्ट्र सरकार के केवल मराठी भाषा जानने वालों को टैक्सी चलाने का परमिट दिए जाने के फैसले के चलते चहुं ओर से कटु अलाचना का सामना कर रहे मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने गुरुवार को अपनी बात से पलटते हुए कहा कि टैक्सी चालकों को हिन्दी और गुजराती सहित किसी भी स्थानीय भाषा का ज्ञान होना चाहिए.