सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ के सामने शुक्रवार को अयोध्या मामले की 23वां दिन की सुनवाई हुई. मुस्लिम पक्षकारों की ओर से दूसरे वकील जफरयाब जिलानी ने निर्मोही अखाड़े के कब्जे की दलील खारिज की. वकील जिलानी ने निर्मोही अखाड़ा की मिल्कियत का दावा खारिज किया. जिलानी ने कहा कि 22-23 दिसंबर की रात 1949 में गुंबबद के नीचे मूर्तियां रखे जाने के बाद मजिस्ट्रेट को विवादित इमारत से मूर्तियां हटाने का आदेश दिया गया था. मजिस्ट्रेट ने इस पर अमल करने से साफ इनकार करते हुए कहा कि अब ये मुमकिन नहीं है, सिर्फ अदालत के हुक्म से ही ये मुमकिन है. पूरी जानकारी दे लिए आजतक संवाददाता संजय शर्मा की ये रिपोर्ट देखिए.