गुलाल की लाली में जहां मिल जाएं आस्था के रंग, और सब मिल बोल पड़ें वृंदावन बिहारी लाल की जय. उसी को कहते हैं बांके बिहारी मंदिर की होली, लेकिन इस बार यहां जगह-जगह घी के दिए जलाने पर पाबंदी लगा दी गई है.