हर बार हक और आरक्षण के नाम पर आंदोलन और विरोध-प्रदर्शन होते हैं. हर बार कुछ बेगुनाह आंदोलन के नाम पर होने वाली हिंसा के शिकार हो जाते हैं. हर बार पुलिस प्रशासन और सरकारी मशीनरी नाकाम साबित होती है. सोमवार को भारत बंद के दौरान भी यही हुआ. 10 बेगुनाहों को अपनी जान गंवानी पड़ी. लेकिन सवाल ये कि आखिर 10 मौतों का मुजरिम कौन है?