एक सर्वे के अनुसार अगर जेडीयू बिहार में अकेले अपने दम पर चुनाव लडे़ तो वह 243 में से 120 सीटों पर कब्जा जमा सकती है. अगर जेडीयू अ केलेंडर ही चुनाव लड़ती है तो उसे चालीस सीट का फायदा होगी जबकि अगर वह बीजेपी के साथ चुनाव लड़ती है तो उसका फायदा कम होगा.