दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में नरेंद्र मोदी ने ऐसी ताल ठोकी है कि बीजेपी की बांछें खिल गई हैं. सिर्फ घोषणा नहीं हुई प्रधानमंत्री पद पर दावेदारी के लिए उनके नाम की, बाकी सबकुछ वैसे ही हुआ. लेकिन क्या सब कुछ वैसा ही है, जैसा नज़र आ रहा है या फिर मोदी को ज़रूरी बताना बीजेपी की मजबूरी है?