इस बेगैरत और बदशक्ल भीड़ की हैवानियत भरी करतूत को देखने के बाद शायद यही वो लफ्ज हैं जो जेहन में कौंधते हैं. इस बदमिज़ाज भीड़ में शामिल ये वो चहरे हैं जिसने एक ही साथ मर्यादा, इंसानियत और इंसाफ़ तीनों का खून किया है.