धर्म की नगरी हरिद्वार में परंपरा तोड़ने के नाम पर ब्रह्मणों ने ही ब्राह्मणों का ही बहिष्कार कर रखा है. वह भी पिछले छह सौ वर्षों से. ऐसे पुरोहितों से रोटी-बेटी का रिश्ता तक नहीं रखा जाता है. मुश्किल ये है कि छुआ छूत के शिकार ये लोग शिकायत करें तो किससे.