एक समय था जब बीएसपी के नेता ये मानते थे कि उन्हें सोशल मीडिया और टीवी में प्रचार करने की जरूरत नहीं क्योंकि उनके वोटरों का इससे कोई वास्ता नहीं. लेकिन पिछले विधानसभा में हार और उसके बाद लोकसभा के चुनाव में शर्मनाक प्रदर्शन के बाद दलितों के वोट बैंक की राजनीति करने वाली मायावती अब नए तौर तरीके अपना रही हैं. विज्ञापन में बीजेपी पर निशाना साधते हुए ऊना दलित पिटाई और कश्मीर में हिंसा का जिक्र किया गया है, जबकि सपा सरकार को कटघरे में खड़े करते हुए मुजफ्फरनगर दंगे और विकास की दौड़ में पिछड़ते यूपी को दिखया गया है.