गुजरात में कहने को तो शराबबंदी है लेकिन कई इलाकों में खुलेआम देसी शराब की भट्टियां चल रही हैं. प्रशासन की मिलीभगत से धडल्ले से हो रहा है मौत का कारोबार. हैरानी की बात नहीं कि गुजरात में महिलाओं के संगठन को कई बार देसी दारू के इस धंधे के खिलाफ मोर्चा खोलना पड़ा.