नोटबंदी के बाद कैशलेस सोसायटी का सपना देखा जा रहा है लेकिन हम इसके लिए कितने तैयार हैं. रोजमर्रा के कई कामों के लिए कैश की जरूरत होती ही है साथ ही छोटे भुगतान कैश के जरिए ही किए जा सकते हैं. देश में इंटरनेट यूजर्स की संख्या काफी कम है और इंटरनेट की धीमी स्पीड भी कैश लेस पेमेंट में बाधा बनती रहती है.