वार छोड़ न यार. ये कहने की जरूरत क्यों पड़ रही है. आज हम खासतौर से इस व्यवस्था के साथ हैं कि एक तरफ भारत है और दूसरी तरह पाकिस्तान है तो संवाद सीधा होना चाहिए. हमारे साथ मौजूद हैं ये खास मेहमान.