बाबूगीरी ने ले ली एक नौजवान की जान. यूपीएससी के नतीजों की गड़बड़ी ने पल भर की खुशी देकर उसकी जिंदगी छीन ली. बात बैंगलोर के मंजूनाथ की है, 24 साल के मंजूनाथ ने 9 दिन तक सच जानने की कोशिश की लेकिन कोई जवाब नहीं मिला. अब यूपीएससी जागा है और कह रहा है कि उस पर लगाए सभी आरोप गलत है.