कॉमनवेल्थ सिर पर हैं और दिल्ली का ये हाल है. दरअसल कॉमनवेल्थ का असली खेल भीतर ही भीतर चल रहा है. जिसमें देश का पैसा मुफ्त में एक विदेशी एजेंसी को दिया जा रहा है. ऑस्ट्रेलिया की एक कंपनी ने काम फूटी कौड़ी का नहीं किया, लेकिन उसे करोड़ों का कमीशन दिया जा रहा है.