एक दूसरे पर चाहे जितने आरोप लगाएं, राजनीति में परिवारवाद हर पार्टी में है. शिवसेना और बीजेपी के बाद अब कांग्रेस की लिस्ट में भी नेताओं के बेटे-बेटियों के नाम शामिल हैं. राष्ट्रपति के बेटे के बाद सुशील शिंदे की बिटिया और देशमुख के बेटे को भी टिकट मिल गया है.