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ट्रेन का टिकट फ्री तो मजदूर पैदल क्यों? कौन लेगा 16 मौत का जिम्मा

ट्रेन का टिकट फ्री तो मजदूर पैदल क्यों? कौन लेगा 16 मौत का जिम्मा

आज महाराष्ट्र के औरंगाबाद में हुए ट्रेन हादसे की खबर ने सबको हैरान कर दिया. ट्रेन की पटरी पर बिखरी रोटियां, यही कहानी कह रही है. जिस रोटी को कमाने के लिए वो लोग घर से हज़ारों किलोमीटर दूर जा कर काम करने को मजबूर हुए थे, आखिरी वक्त में सिर्फ वो रोटी ही पटरियों पर बिखरी रह गईं. पिछले चालीस दिन में सैकड़ों की तादाद में घर वापसी के लिए बेचैन मज़दूर कभी रेलवे स्टेशन पर डंडे खाते. कभी सड़क किनारे फुटपाथ पर बीवी बच्चों के साथ बैठे पैरों को सहलाते. कभी झुंड के झुंड बना कर तेज़ रफ्तार में बिना किसी भाव के, हज़ारों हज़ार किलोमीटर दूर जाने की हकीकत जानते हुए भी लगातार पैदल चलते जाते. आज दंगल में इसी मुद्दे पर तीखे सवाल किए गए, देखिए वीडियो.

At least 16 migrant labourers returning to Madhya Pradesh amid the nationwide lockdown died after being run over by a goods train in Aurangabad of Maharashtra on Friday. They had been walking along the rail tracks and slept there due to exhaustion. They were mowed down by a train, the official said. Today in the debate Dangal, we raised some serious questions over the issue. Watch video.

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