क्या वो दिन कभी आएगा जब देश की बच्चियां और महिलाएं अकेले घर से बाहर सुरक्षित महसूस करेंगी? क्या वो दिन कभी आएगा जब आप अपनी बेटी, बीवी, बहन की सलामती को लेकर फिक्रमंद नहीं होंगे? और क्या कभी वो दिन भी आएगा जब देश की सरकार और विपक्ष अपने वादों पर खरे उतरेंगे? जी हां, आज देश पूछ रहा है? आखिर गुड़िया से गुनाह कब तक और कब तक देश के नेता हर बलात्कार के बाद ही नींद से जागेंगे?