तीस हजारी, साकेत और कड़कड़डूमा कोर्ट में वकीलों के हाथों बुरी तरह पिटने के बाद पुलिसवालों को अपने सीनियरों से ही राहत की उम्मीद थी. लेकिन मामले पर अपने आप संज्ञान लेते हुए जब हाई कोर्ट ने पुलिसवालों को ही सस्पेंड कर दिया और महकमे के अफसरों ने चुप्पी साध ली, तो फिर पुलिसवालों से रहा नहीं गया वो ना सिर्फ पहली बार धरने-प्रदर्शन पर उतर आए, बल्कि हाथ में प्लेकार्ड पकड़े एक बच्ची ने सीधे हाई कोर्ट से ही पूछ लिया कि वो बताए कि आख़िर एक पुलिसवाला कितनी देर तक पिटने के बाद अपना आपा खो सकता है?