चंद घंटों की बारिश में राजधानी दिल्ली बेपर्दा हो गई. सिस्टम पानी-पानी हो गया. अंडरपास, सड़कें, गलियां सब लबालब हो गईं. नाले इस कदर उफन पड़े मानो सबकुछ बहाने पर आमादा हों. दिल्ली के अन्ना नगर में तो देखते ही देखते 10 से ज्यादा झुग्गियां बह गईं, एक घर जमींदोज़ हो गया. हैरानी की बात ये है ये इलाका PWD मुख्यालय के पीछे का है. हर साल बारिश में डूबने वाला मिंटो रोड ब्रिज जानलेवा बन गया. आज एक टैंपो ड्राइवर की इस अंडरपास में डूबने से मौत हो गई. देश की संसद से कुछ ही किलोमीटर दूर ये मौत व्यवस्था पर एक बड़ा तमाचा है. आखिर क्यों ऐसा होता है? क्यों हर बारिश में दिल्ली डूबने लगती है? सड़कों पर पानी का कब्जा हो जाता है. हैरानी है कि 2020 में भी राजधानी में एक अदद ड्रेनेज सिस्टम भी नहीं बन पाया.